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Misc. Expenses Assets Group in Tally

इस Post में सीखेंगे Miscellaneous Expenses Group क्या होता है। तो सुरु से अंत तक जरुर पढे‌।

https://www.shatishtutorial.com/2020/03/misc-expenses-assets-group-in-tally.html
Misc.  Expenses Assets Group in Tally

What is Misc. Expenses Group in Tally

यह Group उन Ledger के लिए  उपयोगी होता है, जो होने को तो कम्पनी के खर्च होते है पर उन को हम Profit & Loss में नही दिखाना चाहते है। उनको अलग से रखना चाहते है। उनको इस Group में रखा जाता है। 

जैसे- कोई व्यक्ति अपनी कम्पनी में 15 दिन तक कार्य किया और बिना वेतन लिये ही चला गया। अब ये हमारा खर्चा तो नही हुआ पर ये खर्चा हो भी सकता है।

इस को हम अलग से दिखाना चाहते है। तो इसे उसके नाम से Ledger बना कर जिसका Group तो Sundry creditors देंगे और Misc. Expenses का लेजर (Ledger) बना कर उसका Group Misc. Expenses देंगे और उसकी Entry Journal Voucher में करेंगे।

Miscellaneous Expenses Assets - विविध व्यय संपत्ति

  • मान लिजिए रोहन को 20000 रुपये मासिक वेतन पर रखा। 
  • उसने 15 दिन काम किया और किसी कारण रोहन कम्पनी छोडकर चला गया।
  • 15 दिन जो उसने काम किया उसकी Salary होती है 10000 रुपये जो रोहन लेकर नही गया।
  • लेकिन हो सकता है कि आज नही तो कल आ सकता है।
  • तो फिलहाल ये तो 10000 रुपये का हमारा खर्चा हुआ ही नही। लेकिन ये 10000 रुपये का खर्चा तब होगा जब वो Salary लेने आयेगा। 

Misc. Expenses Entry in Tally

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Misc. Expenses Entry in Tally
  • इसकी Entry कुछ इस तरह से की जाती है जिसमें Debit किया जा सकता है। Dr. Misc. Salary Expenses 10000 Rs. यानी यह मान के चलते है कि यह खर्चा बाद में हो सकता है। 
  • लेकिन अभी हुआ नही और इसका Group जाता है। Misc. Expenses Assets के Group में जाता है। Credit किया जाता है।
    Cr. Rohan (Under- Sundry Creditor) = 10000 Rs. 
एसे सभी Doubtful खर्चे जो हम बाद में Pay करने पड़ सकते है लेकिन अभी Pay नही किये है, उन सभी का Ledger Misc. Group में बनता है। 

Nature of Misc. Expenses

जैसा की इसके नाम से पता चलता है कि Misc. Expense का Nature Assets का होता है। लेकिन यहा पर आप सभी के दिमाग में एक सवाल आ रहा होगा कि ये वो खर्चे जो हमे देने है। तो ये हमारी सम्पति कैसे हुई। ये तो हमारी Liability हुई।

Misc. Expenses ना तो हमारी सम्पती और ना ही Liability है। ये भविष्य में होने वाले खर्चे है। जो बाद में Expenses में बदल जाता है।

अगर 2 महिने बाद या कभी भी रोहन हमसे पैसे लेने ही नही आता तो हमारा खर्चा हुआ ही नही और 10000 रु. बच गये।

10000 रुपये है वो हमारी सम्पती है और वो हमारी सम्पति तब तक है जब तक रोहन लेने नही आता है। जैसे ही रोहन लेके चला जाता है। सम्पती खर्चे मे बदल जाती है। इसलिए इस Group में 2 चिजे जुड़ रही है Expenses and Assets

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